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ब्रेन स्ट्रोक होने पर तुरंत उठाए जाने वाले कदम | Artemis Heart Centre ब्रेन स्ट्रोक होने पर तुरंत उठाए जाने वाले कदम | Artemis Heart Centre

ब्रेन स्ट्रोक होने पर तुरंत उठाए जाने वाले कदम | Artemis Heart Centre

Artemis Hospital

January 22, 2024 | 7
ब्रेन स्ट्रोक होने पर तुरंत उठाए जाने वाले कदम | Artemis Heart Centre 9 Min Read | 5425

Introduction 

क्या आपको कभी अचानक से कमजोरी या paralysis जैसा कुछ लगा? क्या आपको ऐसा लगा कि आपके शरीर का एक side ठीक से काम ना कर रहा हो? हो सकता है, आपको brain stroke की समस्या हो। 

हर साल 11 मिलियन लोग ब्रेन स्ट्रोक से प्रभावित होते हैं जिनमें से ज्यादा लोग सही समय पे सही कदम ना लेने के कारण नहीं बच पाते। Brain stroke  हो जाने की स्थिति में, तुरंत कार्रवाई करना नुकसान को कम करने और सुधार के अवसरों की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। 

यह जानना कि कौन-कौन से कदम उठाने चाहिए एक जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस blog हम उन महत्वपूर्ण निर्देशों के बारे में जानेंगे जो brain stroke की आपात स्थिति में लिए जाते है।

ब्रेन स्ट्रोक क्या है?

Brain stroke ,मस्तिष्क में अचानक उत्पन्न होने वाली एक गंभीर स्थिति है, जिसमें blood की supply रुक जाती है या रक्त वहाँ रिसने लगता है। यदि समय रहते treatment नहीं किया जाए, तो यह व्यक्ति की मौत या paralysis का कारण बन सकता है। 

जब भी stroke के लक्षण प्रकट होते हैं, समय का महत्व बहुत अधिक होता है। Brain stroke है या नहीं, ये पता करने के लिए, आप अपने दोनों हाथ उठाये और सिर के ऊपर रखे, अगर एक हाथ अपने आप नीचे हो जाए, समझ जाए की आपको stroke की समस्या है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि stroke के दौरान blood की supply रुक जाती है या कम होती है जिससे Heart attack या paralysis हो जाता है।

Brain stroke क्यों होता है?

Brain stroke तब होता है जब मस्तिष्क के किसी हिस्से को रक्त की सही आपूर्ति नहीं मिल पाती है। या रक्त वहाँ रिसने लगता है। यह दो प्रकार के होते हैं:

इस्केमिक स्ट्रोक (Ischemic Stroke): यह सबसे आम प्रकार का stroke है। इसमें, एक या एक से अधिक blood vessel (artery) blocked हो जाती है, जिससे रक्त की आपूर्ति रुक जाती है। इसके मुख्य कारण हैं:

  • रक्त थक्का (blood clot), जिसे रक्त का जमाव भी कहते है। 
  • Atherosclerosis, जिसमें धमनियों की दीवारों पर चर्बी जमा हो जाती है। 

हेमोरेजिक स्ट्रोक (Hemorrhagic Stroke): यह स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क में कोई धमनी फट जाती है और रक्त बाहर निकल कर मस्तिष्क के अंदर जमा होता है। इसके मुख्य कारण हैं:

  • High blood pressure 
  • धमनी में कमजोरी (जैसे की aneurysm)
  •  किसी चोट के कारण

Brain stroke के अन्य सामान्य कारण होते हैं:

Brain stroke के लक्षण (Symptoms of Brain Stroke In Hindi)

ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण अचानक आने वाली गंभीर स्थितियों को सूचित करते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • चेहरे में दिखाई देने वाली कमजोरी: अकेले एक पक्ष के चेहरे में कमजोरी या paralysis हो सकता है। 
  • बाजुओं में कमजोरी: एक या दोनों बाजुओं में कमजोरी या सुन्नपन।
  • बोलने में difficulty होना: अच्छे से बोलने में असमर्थता या अन्य लोगों को समझने में कठिनाई।
  • देखने में समस्या (Vision difficulty): एक या दोनों आंखों में अचानक दृष्टि की समस्या।
  • सिर दर्द (Headache): ब्रेन स्ट्रोक होने पर अक्सर patient को बार बार सिर दर्द की शिकायत रहती है 
  • Balance बनाने में समस्या: अक्सर patient को चलने में असमर्थता, चक्कर आना या संतुलन खोना जैसी शिकायत रहती हैं।

यदि किसी को इन symptoms में से कोई भी महसूस होता है, तो तुरंत doctor सहायता प्राप्त करनी चाहिए।

ब्रेन स्ट्रोक होने पर तुरंत उठाए जाने वाले कदम

Brain stroke एक ऐसी condition है जिसमें मस्तिष्क के किसी भाग में रक्त की सप्लाई रुक जाती है। इसके परिणामस्वरूप, वह भाग ठीक से काम नहीं कर पाता हैं या वह बंद हो जाता है। इससे संबंधित समय-समय पर जांच करना जीवन बचाने वाला साबित हो सकता है। आइए जानते हैं कि ऐसे में कौन-कौन से कदम उठाए जाएं।

FAST का इस्तेमाल करें

Brain stroke एक emergency situation है, इसे नज़रअंदाज़ करना बेहद घातक साबित हो सकता है। इसलिए उसे पता करने के लिए FAST तकनीक का उपयोग करें।

F (Face): मुख के किसी भाग में असमानता देखें। क्या मुस्कान असमान है?

A (Arms): दोनों हाथों को उठाने की कोशिश करें। क्या एक हाथ अन्य हाथ से कमजोर दिखाई देता है?

S (Speech): कुछ शब्दों को दोहराएं और जानें। क्या बोलने में तो कोई difficulty नहीं हैं?

T (Time): अगर उपरोक्त लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें।

समय रहते चिकित्सा सहायता प्राप्त करें

अगर आपको लगता है कि कोई व्यक्ति stroke का शिकार हो रहा है, तो तुरंत ambulance बुलाएं या अस्पताल ले जाएं। देरी करने पर patient की condition और बिगड़ सकती है।

व्यक्ति को आराम प्रदान करें

Stroke आने पर व्यक्ति या patient को सहज और सुरक्षित जगह पर बैठा दें।

दवाइयों से बचें

Brain stroke आने के बाद patient को किसी भी प्रकार की दवाई ना दे। Doctor की advice के बाद ही कोई दवा शुरू करें।

Doctor consultation

तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें और जरूरी जांच उपयोग करें। Treatment में किसी भी प्रकार की देरी patient की condition और खराब कर सकती है।

स्ट्रोक एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक एक second महत्वपूर्ण है। अधिक देर की अवस्था में उपचार की गई स्थिति जीवन में स्थायी क्षति का कारण बन सकती है। इसलिए, यदि आपको लगे कि किसी व्यक्ति को stroke हो रहा है, तो उपरोक्त कदमों का पालन करें और तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें।

उपचार के विकल्प (Brain Stroke Treatment In Hindi)

ब्रेन स्ट्रोक एक गंभीर समस्या है लेकिन सही ट्रीटमेंट से इसे ठीक किया जा सकता है। आइए जानते है इसके उपचार के विकल्प: 

तुरंत उपचार: जैसे ही स्ट्रोक के लक्षण दिखाई दें, तुरंत ambulance बुलाएं और अस्पताल पहुंचे। समय में उपचार जीवन बचा सकता है।

Thrombolytic drugs: ये दवाएं खून के जमाव को घुलाने में मदद करती हैं। जैसे – tPA (tissue plasminogen activator)। ज्यादातर लोगों में ये दवा effective साबित हुई है।

Antiplatelet और anticoagulant दवाओं: इस तरह की दवाएं खून में जमे clot को बनने से रोकती हैं। जैसे – एस्पिरिन (aspirin), क्लोपिडोग्रेल (clopidogrel) और वार्फरिन (warfarin) आदि।

Surgery: बड़े थक्कों को हटाने या फटे हुए रक्त वाहिका को ठीक करने के लिए सर्जरी की जाती है। इससे recover होने में काफी time लग जाता हैं। 

Physiotherapy: स्ट्रोक के बाद शरीर की activity में सुधार के लिए फिजियोथेरेपी की जाती है। Physiotherapy व्यक्ति का balance और coordinate करने में मदद करती है, साथ ही ये patient के motor skills जैसे चलने फिरने में भी help करती हैं।  

Speech therapy: Stroke होने पर कई बार patients को बोलने और समझने में difficulty होती है, जिसके लिए speech therapist की जरुरत पढ़ती हैं।

ऑक्यूपेशनल थेरेपी (Occupational therapy): व्यावसायिक चिकित्सा (Occupational therapy) मस्तिष्क स्ट्रोक के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसका मुख्य उद्देश्य व्यक्तियों को उनकी दैनिक गतिविधियों में स्वतंत्रता प्राप्त करने में सहायता करना है, जैसे self-care, और काम। 

यदि आपको लगे कि किसी व्यक्ति को स्ट्रोक के लक्षण हो रहे हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें। यह जीवन रक्षक साबित हो सकता है।

हृदय रोग का उपचार

Conclusion 

Brain stroke एक गंभीर बीमारी है जिस पर urgent ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके symptoms की सही समय पर पहचान करके और treatment से brain stroke और उससे जुड़ी संभावित जटिलताओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना, daily follow up से इसे ठीक किया जा सकता है। हमारा Artemis Cardiac Care hospital सर्वश्रेष्ठ brain stroke treatment प्रदान करता है। अगर आप या आपके relative इस बीमारी से पीड़ित है, तो तुरंत doctor से contact करें और उच्चतम treatment प्राप्त करें। 

ब्रेन स्ट्रोक से जुड़े पूछे जाने वाले सवाल (Frequently Asked Questions) 

Q1. स्ट्रोक ठीक करने का सबसे तेज़ तरीका क्या है?

Ans. सही समय पर सही उपचार मिलने पर brain stroke को जल्दी ठीक किया जा सकता है इसमें chemotherapy या neurodiagnosis शामिल हो सकता है। सही उपचार और समय पर इलाज से स्ट्रोक के परिणामों में सुधार हो सकता है और जीवन को बचाने का मौका मिल सकता है।

Q2. क्या स्ट्रोक का उपचार संभव है?

Ans. हां, स्ट्रोक का उपचार संभव है। यदि समय रहते treatment प्राप्त की जाए, तो कई प्रकार की medications  और उपचार उपलब्ध हैं जो स्थिति को सुधार सकते हैं।

Q3. स्ट्रोक के तीन मुख्य कारण क्या हैं?

Ans. स्ट्रोक के तीन मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

  • High cholesterol 
  • हृदय रोग (Cardiovascular diseases)
  • High blood pressure 

इसके अलावा मोटापा (obesity) और diabetes भी मुख्य कारण हो सकते है।

Q4. क्या ब्रेन स्ट्रोक का मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है?

Ans. हां, यदि patient को समय रहते सही treatment दिया जाए तो उसे brain stroke जैसी खतरनाक बीमारी से बचाया जा सकता है। इसके अलावा patient को supportive care की भी जरूरत होती है, जिसमें उसकी family और friends मदद कर सकते हैं। 

Q5. ब्रेन स्ट्रोक कितने दिन में ठीक हो जाता है?

Ans. ये patient की हालत पर निर्भर है, अगर patient काफी समय से brain stroke से गुजर रहा है। तो उसे काफी time लग जाता है ठीक होने में। लेकिन यदि मरीज को हाल ही में ब्रेन स्ट्रोक आया है, तो उसे stroke बढ़ने से पहले ही कुछ ही दिनों में ठीक किया जा सकता है।

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