आधुनिकता के इस दौर में मानव अपने शरीर की संरचना को समझे बिना गलत खानपान का चयन करता है, जो मानव जीवन के लिए हानिकारक होता है। सही आहार और शरीर की संरचना को न समझने की भूल के कारण ही, मानव का शरीर बिमारियों का घर बन जाता है।
इन्हीं बिमारियों में से अधिकांश लोगों में दिल से संबंधित बिमारियां भी होती हैं और लोगों को heart hospital जाने की जरुरत पड़ती है |जिनके अनेकों कारणों में से एक कारण ट्राइग्लिसराइड्स भी होता है। इस पोस्ट में आपको ट्राइग्लिसराइड्स की सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी, जिससे आप अपने शरीर को स्वस्थ रख पाएं।
दिल की बिमारियों से आज पूरा विश्व परेशान है तो वहीं अगर कुछ वर्षो के आंकड़ों पर नज़र डाली जाए तो यह आंकड़ें बेहद चौकाने वाले हैं, जिनके अनुसार इनसे होनी वाली मौतों में युवाओं की संख्या अधिक है तथा साथ ही इसमें लगभग तीन चौथाई से अधिक वो देश हैं, जो कम और मध्यम आय वाले देश हैं। इस पोस्ट का उद्देश्य ट्राइग्लिसराइड्स के कारण, लक्षण और इसके उपाय की जानकारी आप तक पहुंचाना है।
ट्राइग्लिसराइड्स क्या होता है?
Cardic care experts के अनुसार ट्राइग्लिसराइड एक प्रकार का वसा यानि कि fat जो हमारे खून में मौजूद होता है। इसी वसा का प्रयोग करके मानव शरीर ऊर्जा का निर्माण करता है, जिस ऊर्जा के आधार पर ही मानव शरीर कोई भी काम कर पाता है। शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स का सामान्य स्तर ही बेहतर स्वास्थ्य की नीव रखता है, आसान भाषा में कहा जाए तो अच्छे स्वास्थ के लिए शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स का सामान्य स्तर पर होना अनिवार्य होता है।
शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ने पर आपको कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें रोगी की धमनियां ब्लॉक हो जाती है। परिणामस्वरूप दिल से संबंधी बिमारियों, high blood pressure और blood sugar के कारण जान जाने का भी खतरा पैदा हो जाता है।
ट्राइग्लिसराइड्स के स्रोत
जिन पदार्थों में मुख्य रूप से वसा यानि की फैट उपस्थित होता है, उन्हीं पदार्थों को ट्राइग्लिसराइड्स के मुख्य स्रोत खाद्य पदार्थ कहा जाता है। यही वसा मानव शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स के रूप में संचित होते हैं. जिनमें से कुछ प्रमुख ट्राइग्लिसराइड्स के स्रोत निम्नलिखित हैं:
- तेल
- घी
- दूध और दूध उत्पाद
- मांस और मांस के उत्पाद
- नट्स और बीज
ट्राइग्लिसराइड्स के प्रभाव
ट्राइग्लिसराइड्स के उच्च स्तर के प्रभाव मानव के शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं, जो विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इसकी वजह से आपको heart hospital जाने की भी जरुरत पड़ सकती है |इनके कुछ प्रभावों को आप नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से जान पाएंगे।
- हृदय रोग की आशंका
- डायबिटीज की आशंका
- पैंक्रिएटिटिस
- मेटाबोलिक सिंड्रोम
- फैटी लिवर डिजीज (NAFLD)
उपरोक्त प्रभावों को समझकर आप स्वस्थ आहार, व्यायाम, और स्वस्थ जीवनशैली का पालन कर सकते हैं ताकि आप ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को नियंत्रित कर सकें और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं अथवा बिमारियों से बचा जा सके।
ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने के कारण
ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर सामान्य रहने से ही शरीर स्वस्थ रहता है, इसके लिए आपको निम्नलिखित ट्राइग्लिसराइड्स के कारणों को जान लेना जरूरी है।
- आनुवंशिक के कारण
- अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट आहार का सेवन
- शराब अथवा सिगरेट का सेवन
- अधिक वसायुक्त चीजों का सेवन
- अधिक मात्रा में चीनी का सेवन
- सही समय पर उचित डाइट न लेना
- डायबिटीज की बीमारी अथवा किसी विशेष बीमारी से बीमार होना
- किडनी की बीमारी होना
- शरीर पर मोटापा होना
- हाइपोथायराइडिज्म
- शारीरिक रूप से अक्रिय होना
- दवाइयों के बढ़ते प्रभाव के कारण
ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने के लक्षण
शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स के बढ़ते स्तर का पता लगाना आसान नहीं होता, इसके स्तर की जांच के लिए आपको समय-समय पर heart hospital पर जाकर डॉक्टर की देखरेख में जांच करानी पड़ती है। आनुवांशिकता के आधार पर ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने के लक्षणों को त्वचा पर आसानी से देखा जा सकता है, इसमें त्वचा के नीचे फैटी डिपॉजिट्स दिखाई देने लगते हैं।
ट्राइग्लिसराइड्स के इलाज
ट्राइग्लिसराइड्स के सही और समूल इलाज के लिए आप निम्नलिखित बिंदुओं का सहारा ले सकते हैं;
- अपने आहार में सुधार करके आपका अपने आहार का प्रबंधन करके ट्राइग्लिसराइड्स पर नियंत्रण कर सकते हैं। उचित आहार जैसे कम फैट, कम शर्करा, और कम कार्बोहाइड्रेट आदि का सेवन करें।
- व्यायाम को प्राथमिकता दें, नियमित व्यायाम करना ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद कर सकता है।
- अवसादन और स्वास्थ्य परीक्षण के माध्यम से ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को नियंत्रित रखें और अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
- आवश्यक होने पर ही डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों का सही रूप से उपयोग करें, जो कि आपके ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद कर सकती हैं।
- ट्राइग्लिसराइड्स के अच्छे इलाज के लिए अत्यधिक एल्कोहल और धूम्रपान से किनारा करें।
- ट्राइग्लिसराइड्स के अच्छे इलाज के लिए आपको अपने वजन को कम करने पर ध्यान दें।
- हर परिस्थिति में सबसे पहले अपने बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं।
- ट्राइग्लिसराइड्स के बढ़ने पर अपने नजदीकी डॉक्टर की सलाह लें और उसको आत्मसात भी करें इत्यादि।
हृदय रोग का उपचार
ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने के लिए खाद्य पदार्थ
ट्राइग्लिसराइड्स के बारे में संपूर्ण जानकारी के लिए आपको उन खाद्य पदार्थों के बारे में भी जानना चाहिए, जिनकी सहायता से आप ट्राइग्लिसराइड्स को आसानी से कम कर सकते हैं। इन खाद्य पदर्थों को नीचे दिया गया है-
- ओट्स
- फूलगोभी
- ब्लूबेरी
- पालक
- केले
- खट्टे फल
- नट्स
- हरी बीन्स
- स्ट्रॉबेरी
- ब्रोकोली
- पत्तागोभी
- सैल्मन
- सार्डिन
- जैतून का तेल
- बीन्स और फलियां
- एवोकाडो
- ब्राउन चावल
- कम वसा वाले डेयरी उत्पाद
- क्विनोआ
- जौ
- अरुगुला
- ब्रसेल्स स्प्राउट्स
- रसभरी इत्यादि।
निष्कर्ष
आशा है कि इस ब्लॉग के माध्यम से आपको ट्राइग्लिसराइड की संपूर्ण जानकारी मिलेगी, ऐसे ही अन्य ब्लॉग्स को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट से जुड़े रहें। Artemis Cardiac care एक सर्वोतम heart hospital है जो India के अलग अलग सिटी में मौजूद है |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. शरीर में ट्राइग्लिसराइड बढ़ने से क्या होता है?
A: शरीर में ट्राइग्लिसराइड बढ़ने से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
Q2. ट्राइग्लिसराइड्स को तुरंत कैसे कम करें?
A: ट्राइग्लिसराइड्स को तुरंत रोकने के लिए मीठे से दूर रहें, शरीर के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान दें, उचित आहार लें, नियमित रूप से व्यायाम करें।
Q3. ट्राइग्लिसराइड बढ़ने पर क्या क्या नहीं खाना चाहिए?
A: ट्राइग्लिसराइड बढ़ने का एक मुख्य कारण चीनी भी होता है, इसके बढ़ने पर कैंडी, आइसक्रीम, मीठा दही, सॉफ्ट ड्रिंक्स, मैदा, जैम और जेली आदि का परहेज़ करें।
Q4. लहसुन से triglycerides को कम किया जा सकता है क्या?
A: लहसुन की एक कली से triglycerides को कम किया जा सकता है।
Q5. गर्म पानी पीने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है क्या?
A: जी हाँ! गर्म पानी का सेवन करने से आप कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम कर सकते हैं।