हृदय रोग, जिसे हार्ट डिजीज भी कहा जाता है हर एक उम्र के लोगो को अपनी गिरफ्त में ले रहा। हृदय गति से मरने वालों की संख्या में साल प्रतिसाल बढ़ोतरी होते जा रही है। ह्रदय एक अंग है जो रक्त से आक्सिजन की पूर्ति करता है और हमारा शरीर सुचारू रूप से चलता है। यह जब किसी भी कारण से अपनी फंक्शनिंग कम कर देता है तो इस स्थिति को हृदय रोग कहते है।
हृदय रोग को समय से पहचान करके इससे होने वाली दिक्कतों को कम किया जा सकता है और जिंदगी को बचाया जा सकता है। आप heart hospital के चक्कर लगाने से भी बच जाते है| यह दुनियाभर में एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्या है और मौत के प्रमुख कारणों में से एक है। हृदय रोग के कारण, लक्षण, और बचाव को समझना हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
ह्रदय रोग के लक्षण
छाती में दर्द
छाती में होने वाले दर्द को इग्नोर नही करना चाहिए।यह हृदय रोग का मुख्य लक्षण है। हमे तुरंत से डॉक्टर के पास जाना चाहिए ताकि समय से सही उपचार हो सके।
सीने में दर्द या असहमति आमतौर पर हृदय के उपस्थिति के कारण होता है और यह आपके ब्रेस्ट में या सीने के बाईं ओर महसूस हो सकता है। इसका सीधा संबंध तब होता है जब हृदय की रक्त पुर्ति में समस्या होती है और इसके पास पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता।
सांस लेने में दिक्कत
अगर आपको चलते चलते सास लेने में कठिनाई होने लगे। सीढ़ी चढ़ते समय बहुत ज्यादा हाफने जैसे महसूस हो तो फिर ये हृदय रोग के लक्षण हो सकता है | यदि आपको ठंडी पसीना आता है और सांस लेने में मुश्किल होती है, तो यह हृदय समस्या के साथ जुड़ सकता है।
अगर आपका दिल नॉर्मल जैसा ना महसूस करे,किसी भी छोटी बड़ी बात से अनियंत्रित गति हो जाए तो ये भी हृदय समस्या के लक्षण है।
बेहोशी या निकट बेहोशी
हार्ट अरिथमिया के चलते, बेहोशी या निकट बेहोशी हो सकती है। इसमें आप अचानक गिर सकते हैं या आपको बेहोशी का अहसास हो सकता है। यह एक अचानक होने वाली समस्या हो सकती है जो हृदय की अच्छी समस्या का संकेत हो सकती है।
मतली आना, उल्टी आना
अगर अक्सर आपको मतली जैसा लगे तो इसका मतलब है शरीर में आक्सिजन की पूर्ति सही से नहीं हो रही है| चक्कराना या लाइट-हेडेडनेस भी धड़कन की अनियमितता के साथ हो सकता है। यह अक्सर हृदय समस्याओं के साथ आता है और आपको अस्थिर या चक्कर में गिरने की भासा होता है।
हमेशा कमजोरी महसूस होना
थोड़ा सा भी शारीरिक रूप से सक्रिय होने से यदि आपको थकान लगे,आपको लगे की मुझे आराम की जरूरत है तो फिर तुरंत डॉक्टर के पास जाकर परामर्श लेना चाहिए। कमजोरी महसूस होना दिल के अच्छे से काम नहीं करने का लक्षण है।
अब हृदय घात से बचाव के ऊपर चर्चा करते है।किसी भी बीमारी के बारे में जितनी ज्यादा जानकारी रहती है उससे बचना उतना ज्यादा आसान होता है।
ह्रदय रोग से बचाव के उपाए
संतुलित आहार लेना
आहार हमारे शरीर को सीधे असर डालता है। आयुर्वेद में तो यह कहा गया है की जैसा खाए अन्न ,वैसा होए मन।
आहार न केवल शारीरिक रूप से असर डालता है बल्कि मानसिक रूप से भी व्यक्ति को प्रभावित करता है
दिल को मजबूत बनाने के लिए हमे साबुत अनाज लेना चाहिए।जितना ज्यादा मात्रा में फाइबर युक्त खाना खायेंगे उतना ही दिल हमारा स्वस्थ रहेगा।हमारे खान पान की खराब आदतों की वजह से सैचुरेटेड फैटऔर bad fat एकत्रित हो जाता है। समय के अभाव में हम सब लोगों के घर में फ्रीज में बहुत से रेडी टू ईट आईटम रखे रहते हैं।ये आसानी से बाजार में उपलब्ध है।लेकिन हमे कोशिश करके घर का खाने की आदत डालनी चाहिए
शारीरिक व्यायाम करना
हृदय को ठीक रखने के लिए शारीरिक रूप से एक्टिव रहना चाहिए।हमे एक सप्ताह में कम से कम पांच दिन ३० मिनट्स तक कार्डियो एक्सरसाइज करनी चाहिए। साइक्लिंग, स्विमिंग,जंपिंग , एरोबिक्स और भी बहुत कुछ है जिसे सीखना चाहिए और अमल करना चाहिए।अगर आपको ये कठिन लगे तो शुरुआत में रोज वाकिंग कर सकते हैं। इससे भी शरीर में लचीलापन आता है।
तेल से दूरी बना के रखना
आजकल मार्केट में जितने भी snacks items है जैसे चिप्स,तरह तरह के बेकरी सब में गंदे तरीके से तेल का इस्तेमाल किया जाता है जो हमारे दिल को बीमार करता है। प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाकर हम स्वस्थ रह सकते है। हम जितना ज्यादा किचेन का उपयोग खुद करेंगे हमारा हृदय उतना ही मजबूत बना रहेगा।
शराब को ना कहना
आप सभी जानते है सरकार धूम्रपान को रोकने के लिए इसके दुष्प्रभाव को बताने के लिए विज्ञापन में कितना खर्च कर रही है।सिनेमा घरों में जब भी कोई दृश्य स्मोकिंग का आता है तो उसके नीचे डिस्क्लेमर आता है की धूम्रपान जानलेवा है।
सिगरेट,शराब, तम्बाकू ये सब बहुत जल्दी हमारे हृदय को कमजोर कर देते है । जितना जल्दी हो सके हमे अपनी धूम्रपान की आदतों को छोड़ना चाहिए चाहे इसके लिए आपको नशामुक्ति केंद्र ही क्यों न जानी पड़े।
नमक का उपयोग कम करना
हमे अपने किचेन में नमक के इस्तेमाल में कटौती करनी चाहिए। नमक के ज्यादा प्रयोग से हाई ब्लडप्रेशर होने की संभावना बढ़ जाती है ।हाई ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक के मुख्य कारणों में से एक है। उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी स्थितियाँ हृदय रोग की खतरा को सांघा सकती हैं।
मोटापा
अधिक वजन या मोटापा हृदय पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है और हृदय संबंधित समस्याओं की खतरा बढ़ा सकता है।
ह्रदय रोग के उपचार
हृदय रोग के उपचार में डॉक्टर की सलाह और निदान के आधार पर विभिन्न तरीके शामिल हो सकते हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण उपचार दिए जा रहे हैं:
- डॉक्टर द्वारा सलाह दी जाने वाली दवाइयों का सही समय पर सेवन करना बहुत महत्वपूर्ण है। इन दवाइयों में रक्तचाप को नियंत्रित करने वाली, कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाली, और अन्य हृदय समस्याओं के लिए दवाइयाँ शामिल हो सकती हैं।
- स्वस्थ आहार का सेवन करना और वजन को नियंत्रित रखना हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। आहार में फल, सब्जियाँ, पूरे अनाज, और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों का शामिल होना चाहिए।
- नियमित शारीरिक गतिविधि करने से आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं, हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं, और तनाव को कम कर सकते हैं।
- तंबाकू और अत्यधिक शराब का सेवन हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकता है, इसलिए इन्हें बिल्कुल छोड़ देना चाहिए।
- सही तरीके से तनाव को प्रबंधित करने के लिए आपको आराम करने की तकनीकों, ध्यान, या रुचियों के माध्यम से सीखना चाहिए।
- कुछ मामलों में, हृदय को रक्त की आपूर्ति करने के लिए नई धमनियां बनाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है।
- हृदय स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग के लिए नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाना चाहिए। विभिन्न परीक्षण और जांचों के माध्यम से आपके हृदय की स्वास्थ्य को निगरानी रखना महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
यदि आपको हृदय संबंधित किसी लक्षण का संदेह होता है, तो कृपया तुरंत डॉक्टर की सलाह और मूल्यांकन के लिए संपर्क करें। उपचार के साथ, स्वस्थ जीवनशैली और नियमित चिकित्सकीय जाँच हृदय रोग के खतरे को कम करने में महत्वपूर्ण है।
हृदय रोग एक गंभीर स्थिति है, लेकिन स्वस्थ जीवनशैली और नियमित चिकित्सा देखभाल के माध्यम से इसको ठीक किया जा सकता है| आज ही Artemis Cardiac Care के ह्रदय रोग expert से बात करें|